Friday, August 22, 2008

तुम्हारे लिए

कोशिशें हर नजर हैं
एक काफिले के लिए
तिनके जोड़ते हैं हम
अपने आशियाने के लिए

और अ नजर आए कुछ भी
दामन है हमारा बिजलियों के लिए
दिल में और न कोई आ पाया
जगह है केवल जलजलों के लिए

आज भी ढूँढती आँखें तुम्हे
वो सहारे की दो अँगुलियों के लिए
लेकिन इल्म है हमे तुम हो
केवल यादों की गलियों के लिए

मीलों लंबे हैं रास्ते अभी
फासले बहुत हैं मंजिल के लिए
हम वही रह गए और
कारवां चल दिया महफ़िल के लिए

दिल दर्द है और आँखें सर्द
ढूँढती हु कुछ बूँदें नमी के लिए
बह चुक्का है वो दरिया यहाँ से
शिकवा है माजी से सागर की कमी के लिए

कहीं तो होगा कोई jअरूर
टकराएगा जहाँ से हमारे लिए
बहुत ही तनहा है राहें आज
पर चलते रहूंगी ऐ-दिल तुम्हारे लिए.

No comments: